परमेश्वर जानता था कि वे कहाँ छुपे हैं। वह आया और आदम को पुकारा। परमेश्वर ने उससे कहा कि उनकी अनआज्ञाकारिता के कारण उन्हें वह घर अर्थात सुन्दर वाटिका छोड़ के जाना होगा। यीशु आया! उन्होंने शिक्षा दिया कि सभी ने पाप किया है। पापियों का मृत्यु अनिवार्य है। यीशु ने हमसे इतना प्रेम किया कि उन्होंने परमेश्वर से कहा कि सभी के पाप के लिए वो मरेंगें। जिन्होंने पाप किया है वह उन प्रत्येक के लिए मरा। अंत में घर। हमारे उद्दारकर्ता यीशु के साथ स्वर्ग में घर।
इस समय आप जीवित है, आप सांस ले रहे हैं, आप चल-फिर रहे हैं या कार्य कर रहे हैं या सो रहे हैं। आप चाहे आरामदायक जीवन जी रहे हैं या फिर पीड़ा में। सूर्य उगता है और ढलता है; कहीं पर किसी बच्चे का जन्म हो रहा है, तो कहीं पर किसी न किसी की मृत्यु भी निरन्तर हो रही है। सम्पूर्ण जीवन केवल एक अस्थायी प्रबन्ध है; लेकिन मृत्यु के पश्चात्आप कहां जाएंगे? किन्तु कहां? आपकी आत्मा कभी नहीं मरेगी! स्वर्ग और पृथ्वी के परमेश्वर ने कहा है; “स्मस्त आत्माएं मेरी हैं” निसंदेह ये सब आवश्यक हैं। लेकीन
22 मार्च 2019 in भविष्य का जीवन, स्वर्ग 5 minutes