होम

गॉस्पेल ट्रैक्ट और बाइबल सोसाइटी की वेबसाइट पर आपका स्वागत है

ट्रैक्ट्स

हर एक को स्वयं यह महत्वपूर्ण प्रश्न पूछना चाहिए : “उद्धार पाने के लिए मैं क्या करूं ?” कई लोग ऐसा विश्वास करते हैं कि वे बचाए जा चुके हैं , इसके बावजूद यीशु ने कहा: “जो मुझे ‘हे प्रभु’, ‘ हे प्रभु’ कहते हैं, उनमें से हर एक जन स्वर्ग के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकेगा; परंतु केवल वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है , परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करेगा ” ( मत्ती ७ : २१ ) । बचाए जाने के लिए इस बात पर विश्वास करना आवश्यक है कि मसीह हमारे पापों को क्षमा करेंगे । उसके पश्चात हम अपने पापों का पश्चाताप करें , एक पवित्र जीवन जीए और एक दूसरे से प्रेम करें । क्योंकि अनेकों धर्मों द्वारा पहले से तैयार की गई बहुत सारी शिक्षाओं के बीच भी यह प्रश्न पूछा जा सकता है कि ‘ वास्तविकता में सत्य क्या है ? ’

मुक्ति 7 minutes

आज बहुत सारे लोग उस मनुष्य की तरह है , जिसने कहा : ‘ मैं स्वर्ग में प्रवेश करने के योग्य नहीं , किंतु नरक जाने के लिए इतना बुरा भी नहीं हूं । ’ वे सोचते हैं कि वे इतने तो अच्छे हैं कि परमेश्वर किसी भी तरह से उन्हें स्वर्ग में रहने के लिए घर देंगे ।

मुक्ति 11 minutes

क्या पवित्र बाइबल बहुधा पूछे गए इस प्रश्न का उत्तर देती है कि क्या कोई उद्धार का प्रमाण पा सकता है या नहीं ? क्या कोई जान सकता है कि उसके पाप क्षमा किए गए हैं या नहीं ; अथवा क्या इस बात को जानने के लिए न्याय के दिन तक ठहरने की आवश्यकता है ? उसी समय तक के लिए इस अत्यधिक महत्वपूर्ण प्रश्न का उत्तर दिए बिना इसे यूं ही छोड़ देना अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण एवं खतरनाक बात है ।

मुक्ति 6 minutes

“आओ, एक मनुष्य को देखो! जो कुछ मैंने किया था, वह सब उसने मुझे बता दिया है। कहीं यही तो मसीह नहीं है?” (यूहन्ना ४:२९)।

यीशु 6 minutes

इस पृथ्वी पर दो महान शक्तियां हैं। एक परमेश्वर और उनका राज्य है, और दूसरा शैतान और उसका राज्य है । ये शक्तियां अपनी सेवा में हम को उपयोग करने के लिए हमारी इच्छा की सहमति पाना चाहती हैं।

मुक्ति 5 minutes

क्या आप जानते हैं कि ऐसा भी कोई है जो आपके विषय में सब कुछ जानता है ? परमेश्वर का पुत्र यीशु , सब कुछ जानता है जो आपने किया है । उन्होंने पृथ्वी और जो कुछ इनमें है उसकी सृष्टि की । वह अतीत , वर्तमान और भविष्य को जानता है । वह आपसे प्रेम करता है और आपको पाप से बचने के लिए इस संसार में आया । आपके जीवन में आनंद लाने के लिए उनका एक योजना है ।

क्या आप खुश हैं ? क्या पाप का दोष और भय आपके खुशी पर जयवंत हुआ हैं ? क्या आप अपने दोष और भय से बाहर आने की इच्छा रखते हैं ? आप चिंता कर रहे होंगे , कैसे मैं फिर कभी खुश हो सकता हूं ? मेरे पास आपके लिए एक अच्छी खबर है ! कोई है जो आपका सहायता कर सकता है । वह आपके पापों को क्षमा कर सकता है और आपको स्थायी खुशी दे सकता है । उनका नाम यीशु है । मैं आपको उनके विषय में बताता हूं ।

यीशु 5 minutes

आदि में परमेश्वर ने पृथ्वी की सृष्टि की। उन्होंने सूर्य, चाँद और तारों, साथ ही साथ पौधों और पशुओं की सृष्टि की। छांठवे दिन, उन्होंने आपने स्वरूप में मनुष्य को बनाया और जीवन की स्वांस उसमें फूकं दिया। यह पहला व्यक्ति आदम था, और उसकी पत्नि का नाम हवा था। परमेश्वर ने सुन्दर वाटिका में उनके लिए एक घर बनाया। परमेश्वर आदम र हवा से प्रेम करता था और वे भी परमेश्वर से प्रेम करते थे। परमेश्वर ने आदम को वाटिका की देखभाल करने की आज्ञा दी थी। परमेश्वर ने उनसे कहा कि वे भले या बुरे के ज्ञान के वृक्ष का फल के अलावा उनके इच्छा के अनुसार कुछ भी खा सकते हैं और यदि उन्होंने आज्ञा न मानी तो उनकी मृत्यु होगी।

यीशु कहते हैं कि जब तक हम नए सिरे से जन्म नहीं ले लेते, स्वर्ग के द्वारों हमारे लिए बन्द हैं। इस कारण हम पूछें: मित्र, क्या आपका नए सिरे से जन्म हुआ है? कलीसिया के सदस्य, क्या आपका नए सिरे से जन्म हुआ है? यदि नहीं है, तो आप खोए हुए हैं। क्योंकि प्रभु यीशु कहते हैं: “जब तक कोई मनुष्य नए सिरे से न जन्मे, वह परमेश्वर का राज्य वहीं देख सकता” (यूहन्ना ३:३)।

मुक्ति 5 minutes

एक सही एवं भरोसेमंद भवन का निर्माण तभी संभव है, जब साहुल कहलानेवाले यंत्र का प्रयोग किया गया हो । बिना उसके मकान बनानेवाला कारीगर चाहे कितना भी दक्ष और ईमानदार क्यों ना हो, संभवतः खतरनाक गलतियां करेगा। उसी प्रकार यह आवश्यक है कि हमारा जीवन और विश्वास परमेश्वर के वचन रूपी साहुल से निर्देशित हो । पढ़ें भजन संहिता ११९ : १०५ ; २ तीमुथियुस ३ : १५ - १७ ; आमोस ७ : ८ !

धोखा 6 minutes

यीशु आपका मित्र मेरा एक मित्र हैं। वह सबसे अच्छा मित्र है ऐसा कोई पहले कभी नहीं हुआ। वह बड़ा दयालू है और सच्चा है मैं चाहता हूं कि आप भी उसे जाने। उसका नाम यीशु है। बड़ी अनोखी बात ये है कि वह आपका भी मित्र बनना चाहता है। मैं उसके बारे में आपको बताना चाहता हूं।

हर एक व्यक्ति किसी न किसी की पूजा करता है । कुछ लोग वस्तु की पूजा करते हैं , तो कुछ लोग मनुष्य की ; कुछ लोग मूर्ति की पूजा करते हैं , तो कुछ लोग अपने आपकी । वे अपने ईश्वर के प्रति अपनी निष्ठा का प्रकटीकरण विभिन्न प्रकार से करते हैं । जबकि अधिक से अधिक लोग इन देवताओं के प्रति अपनी निष्ठा रखते हैं फिर भी उनके मन में एक लालसा और प्यास रह जाती है । यह लोग अपनी आत्मा की पीड़ा से मुक्ति पाने में अस्थायी तौर से आराम तो पा लेते हैं , किंतु भविष्य का सामना करने के लिए उनके पास साहस नहीं होता । उनका भविष्य बीते हुए कल की तरह हमेशा निराशजनक होता है । वह ईश्वर जिसकी सेवकाई वे करते हैं , उनके जीवन के शून्य को भरने में असमर्थ होते हैं‌ ।

यीशु 4 minutes

‘ क्या परमेश्वर है ? क्या कोई परम अस्तित्व या ब्रह्मांड का संचालक है ? मैं किस प्रकार से निश्चित हो सकता हूं ? ’ इस प्रश्न का उत्तर अत्यधिक महत्वपूर्ण है । ‘ यदि परमेश्वर है और मैं उसका अनदेखा करता हूं , तो उसका परिणाम क्या होगा ? ’ बहुत से ऐसे सूक्ष्म प्रश्न है , जो उत्तर की मांग करते हैं । ‘ मैं यहां क्यों हूं ? मैं कहां से आया हूं ? मरणोपरांत क्या होगा ? मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है ? मेरे अस्तित्व का कोई ना कोई कारण आवश्य है । ’

यीशु 6 minutes

क्योंकि पाप की मजदुरी तो मृत्यु है (रोमियों 6:23) आईये हम वास्तविकता का सामना करें। शराब, ड्रग्स और व्यभिचार जैसे भयंकर दैत्य परमेश्वर का महान और अच्छा सृष्टि पर हमला और उसे नाश कर रहे हैं। एक विशाल आक्टॅपस का स्पर्शक की तरह वे जवान और वृद्ध दोनों को अपनी झपटता और आकर्षित करता है।

नरक का वर्णन नरक कहां है ? नरक का मार्ग कौन नरक जाएगा ? उद्धार न पाने वाले नरक में क्या करेंगे ? क्या परमेश्वर पापियों को सजा देंगे ? नरक से संबंधित बाइबल के शिक्षा पवित्र बाइबल अनंत आग की झील की भयानक सत्यता के विषय में स्पष्ट रूप से सिखाती है । परमेश्वर के द्वारा दिए गए समय में नर्क के इस भयानक दंड से बचने के लिए सब लोगों को सचेत किया जाता है ।

“ हे परमेश्वर ! आप कहां हैं ?” मुझे आपकी जरूरत है । “ मैं आपको चाहता हूं” “ मैं आपको कैसे पाऊं?” क्या यह आपका हृदय की सच्ची पुकार है ? क्या आप संपूर्ण हृदय से परमेश्वर की खोज कर रहे हैं , उनके पास पहुंच पा रहे हैं, उनको जानने की इच्छा रखते हैं ? लेकिन किसी भी तरह से आप परमेश्वर को पाते नहीं दिख रहे हैं ।

मुक्ति 8 minutes

आदि में पर्मेश्वर, उसके पुत्र यीशु मसीह, और पवित्र आत्मा थे। उन्होंने पृथ्वी और जो कुछ इसमें है, उन सब कि सृष्टि की। अपने प्रेम में, पर्मेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप में बनाया और उसे एक सुंदर वाटिका में रखा। मनुष्य ने परमेश्वर के निर्देशों का पालन नहीं किया। यह अनाज्ञाकारिता पाप था और इस पाप ने मनुष्य को पर्मेश्वर से अलग कर दिया। पर्मेश्वर ने उनसे कहा कि अपने पापों कि क्षमा के लिए उन्हें निर्दोष एवम् निष्कलंक छोटे पशुओं का बलिदान देना होगा। इन बलिदानों ने उनके पाप का मूल्य नहीं चुकाया परंतु केवल उस सर्वश्रेष्ठ बलिदान की तरफ इशारा किया जो पर्मेश्वर स्वयं प्रदान करेंगे। एक दिन परमेश्वर अपने पुत्र यीशु को इस पृथ्वी पर भेजेंगे ताकि सभी लोगों के पापों के लिए वह अंतिम और सर्वश्रेष्ठ बलिदान हों।

यीशु, Color 5 minutes

क्या आप जानते हैं कि मनुष्य पवित्र परमेश्वर के द्वारा पाप का दोषी पाया गया है, और उसे मृत्यु की दण्डाज्ञा दी गयी है? यदि उसे इस अनन्त मृत्यु से बचना है और अनंतकाल के लिए उद्धार पाना है, तो उसे परमेश्वर की करुणा को पाने की आवश्यकता है| इस दृष्टि में करुणा का अर्थ है: परमेश्वर का मनुष्य को उस सजा से अलग रखना, जिसका वह योग्य है। किन्तु परमेश्वर बिना शर्त के अपनी करुणा मनुष्य पर प्रतिपादन नहीं करतें, जबकि उद्धार मुफ्त है, उसका कोई मूल्य नहीं और न ही उसे कमाया जा सकता है। जिस शर्त पर परमेश्वर करुणा देते हैं, वह शर्त है पश्चाताप।

मुक्ति 6 minutes

जब से आदम और हव्वा ने परमेश्वर की आज्ञा को उल्लंघन किया, तब से सभी लोग पाप के बीज के साथ जन्म लिए हैं। मुझे में है, आप में है, हम सब में है। “इसलिए कि सबने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित है” (रोमियों ३:२३)।

इस समय आप जीवित है, आप सांस ले रहे हैं, आप चल-फिर रहे हैं या कार्य कर रहे हैं या सो रहे हैं। आप चाहे आरामदायक जीवन जी रहे हैं या फिर पीड़ा में। सूर्य उगता है और ढलता है; कहीं पर किसी बच्चे का जन्म हो रहा है, तो कहीं पर किसी न किसी की मृत्यु भी निरन्तर हो रही है। सम्पूर्ण जीवन केवल एक अस्थायी प्रबन्ध है; लेकिन मृत्यु के पश्चात्आप कहां जाएंगे?

समस्त कहानियों के बीच यीशु मसीह के जन्म की कहानी मसीहियों के मन के सबसे निकट है । सारे युगों में यह एक महान आश्चर्यकर्म है । इसमें मानव जाति के प्रति परमेश्वर का प्रेम प्रदर्शित है । मनुष्य ने पाप के कारण खुद को परमेश्वर की संगति से अलग कर दिया । अदन की वाटिका में आदम और हव्वा ने पाप करने के पश्चात परमेश्वर ने उनसे उद्धारकर्ता की प्रतिज्ञा की ( उत्पत्ति ३ : १५ ) । जो कुछ खो गया था , उसे वापस लाना या उद्धार करना परमेश्वर की योजना थी ।

यीशु 6 minutes

प्रभु यीशु मनुष्य को उसके पाप से बचने के लिए पृथ्वी पर आए । वह नम्रता में , मनुष्य की समानता में सेवक का स्वरूप धारण करके आए ( फिलिप्पियों‌ २: ७ ) । वह इस संसार के पाप के लिए मरे , गाड़े गए और जी उठे ( १ कुरिन्थियों १५: ४ ), और स्वर्ग में चढ़ गए ( प्रेरितों १: ९ ) । वह पुनरुत्थान के पश्चात प्रेरितों और पांच सौ से भी अधिक विश्वासियों के द्वारा देखे गए । स्वर्ग में चले जाने के बाद दो स्वर्गदूतों ने शिष्यों से कहा कि वह उसी प्रकार लौट कर आएंगे , जिस प्रकार से वह गए हैं । केवल परमेश्वर जानते हैं कि प्रभु कब लौटेंगे । उनके लौटने की बात शाम में हो सकती है या मध्य रात्रि में या सुबह में या दोपहर में ( मार्कुस १३: ३५ ) । “ इसलिए तुम भी तैयार रहो ; क्योंकि जिस पल के विषय में तुम सोचते भी नहीं हो, उसी पल मनुष्य का पुत्र आ जाएगा “ (मत्ती २४:४४ ) ।

एक समय था, जब इस संसार में कुछ भी नहीं था।न कोई मछली, न आकाश में कोई तारा, न कोई समुद्र और न ही सुन्दर-सुन्दर फूल।सब कुछ शून्य और अन्धकार पूर्ण था।किन्तु परमेश्वर था। परमेश्वर के पास एक सुन्दर योजना थी। उसने एक सुन्दर संसार के विषय में सोचा और जब उसने सोचा, तब ही उसने उसकी रचना कर डाली। उसने उसकी रचना शून्यता में से की। जब परमेडवर ने किसी भी वस्तु की रचना की, तो उसने मात्र इतना भर कहा, “हो जा” और वह वस्तु बन गयी।

यीशु 5 minutes

प्रार्थना एक नम्र विनती है। जो यीशु मसीह का नाम में पिता परमेश्वर से करना है। स्वयं को स्वर्गीय प्रेमी पिता के सामने प्रकट करना ही प्रार्थना है। प्रार्थना में हमारी आत्मा शब्दों के द्दारा या हमारे मनों के विचार के द्दारा परमेश्वर से बाते करती है। परमेस्वर चाहता है कि हम उसके साथ बातें करें। हम उसके पास धन्यवाद के साथ या विनती के साथ या फिर निराशा के साथ आ सकते है।