प्रभु यीशु मनुष्य को उसके पाप से बचने के लिए पृथ्वी पर आए । वह नम्रता में , मनुष्य की समानता में सेवक का स्वरूप धारण करके आए ( फिलिप्पियों २: ७ ) । वह इस संसार के पाप के लिए मरे , गाड़े गए और जी उठे ( १ कुरिन्थियों १५: ४ ), और स्वर्ग में चढ़ गए ( प्रेरितों १: ९ ) । वह पुनरुत्थान के पश्चात प्रेरितों और पांच सौ से भी अधिक विश्वासियों के द्वारा देखे गए । स्वर्ग में चले जाने के बाद दो स्वर्गदूतों ने शिष्यों से कहा कि वह उसी प्रकार लौट कर आएंगे , जिस प्रकार से वह गए हैं । केवल परमेश्वर जानते हैं कि प्रभु कब लौटेंगे । उनके लौटने की बात शाम में हो सकती है या मध्य रात्रि में या सुबह में या दोपहर में ( मार्कुस १३: ३५ ) । “ इसलिए तुम भी तैयार रहो ; क्योंकि जिस पल के विषय में तुम सोचते भी नहीं हो, उसी पल मनुष्य का पुत्र आ जाएगा “ (मत्ती २४:४४ ) ।
21 मई 2024 in भविष्य का जीवन 4 minutes
इस समय आप जीवित है, आप सांस ले रहे हैं, आप चल-फिर रहे हैं या कार्य कर रहे हैं या सो रहे हैं। आप चाहे आरामदायक जीवन जी रहे हैं या फिर पीड़ा में। सूर्य उगता है और ढलता है; कहीं पर किसी बच्चे का जन्म हो रहा है, तो कहीं पर किसी न किसी की मृत्यु भी निरन्तर हो रही है। सम्पूर्ण जीवन केवल एक अस्थायी प्रबन्ध है; लेकिन मृत्यु के पश्चात्आप कहां जाएंगे?
22 मार्च 2019 in भविष्य का जीवन, स्वर्ग 5 minutes