हर एक व्यक्ति किसी न किसी की पूजा करता है । कुछ लोग वस्तु की पूजा करते हैं , तो कुछ लोग मनुष्य की ; कुछ लोग मूर्ति की पूजा करते हैं , तो कुछ लोग अपने आपकी । वे अपने ईश्वर के प्रति अपनी निष्ठा का प्रकटीकरण विभिन्न प्रकार से करते हैं । जबकि अधिक से अधिक लोग इन देवताओं के प्रति अपनी निष्ठा रखते हैं फिर भी उनके मन में एक लालसा और प्यास रह जाती है । यह लोग अपनी आत्मा की पीड़ा से मुक्ति पाने में अस्थायी तौर से आराम तो पा लेते हैं , किंतु भविष्य का सामना करने के लिए उनके पास साहस नहीं होता । उनका भविष्य बीते हुए कल की तरह हमेशा निराशजनक होता है । वह ईश्वर जिसकी सेवकाई वे करते हैं , उनके जीवन के शून्य को भरने में असमर्थ होते हैं ।
आप किसकी पूजा या आराधना करते हैं ? आपका ईश्वर कहां रहता है ? क्या वह जीवित है ? आज उसने आपके लिए क्या किया ? क्या आज आपने उससे बातचीत की ? क्या उसने आपके मन की पुकार का उत्तर दिया ? आप क्या विश्वास करते हैं ?
मुझे आपसे उस एकमात्र सच्चे परमेश्वर का परिचय कराने दीजिए , जिसने हमारे सबसे बड़े शत्रु शैतान को पराजित किया है । वह सृष्टि का परमेश्वर है, जिसने मात्र बोलकर प्रत्येक वस्तु को अस्तित्व में ला दिया । पवित्र बाइबल स्वर्ग के इस परमेश्वर के विषय में आपको बताएगी , जिसने पृथ्वी की माटी से मनुष्य की सृष्टि की । उत्पत्ति की पुस्तक के अध्याय एक और दो को पढ़ें !
वह सनातन परमेश्वर है । उसका ना तो कोई प्रारंभ है और ना ही कोई अंत । वह जैसा कल था , आज भी है और हमेशा रहेगा । वह समस्त वस्तुओं के सृष्टिकर्ता , रक्षक एवं जीवित रखनेवाले हैं । ( प्रेरितों १७ : २२ - ३४ )
यह महान परमेश्वर , जो स्वर्ग में रहते हैं ,आप में भी दिलचस्पी रखते हैं । वह लोगों के भीड़ के बीच आपको देखते हैं । वह आपसे प्रेम करते हैं , और आपकी चिंता भी करते हैं । वह एक मित्र से बढ़कर आपका होना चाहते हैं । आपका उद्धारकर्ता होने के लिए उन्होंने अपने पुत्र को भेजा है । वह आपके संग रहना चाहते हैं और इससे भी अधिक वह आपके अंदर रहना चाहते हैं । वह कहते हैं , “मुझ में बने रहो, और मैं तुम में” ( यूहन्ना १५ : ४ ) ।
यदि वह आपके मन में नहीं रहते हैं, तो फिर कौन रहता है ? अपने चारों ओर देखकर हम कह सकते हैं कि शैतान ढेर सारे लोगों के जीवन को चला रहा है, और नष्ट कर रहा है । यह वही है, जो इन मनों को चला रहा है । वह झूठ बोलना , चोरी करना , लालच करना , धोखा - धड़ी करना , बदला लेना तथा स्वयं की तरक्की जैसी बुराइयों के लिए सलाह देता है । यदि शैतान आपके मन में रहता है, और इनमें से किसी एक पाप और अधिक पापों में पढ़ने के लिए आपको मोहित करता है, तो आप सर्वोच्च परमेश्वर के पास क्यों नहीं आ जाते , जिन्होंने अपने इकलौते पुत्र यीशु ख्रिस्त को आपके और समस्त संसार के पापों के लिए दे दिया ( यूहन्ना ३ : १६ ) ?
आप पूछते हैं : ‘ यह कैसे सच हो सकता है ? एक जो इतना महान , प्रबल और सर्वशक्तिमान है , वह कैसे मेरे मन में वास कर सकता है ?’ ( यशायाह ५७ : १५ ) ।
यदि आप अपने पाप से थक गए हैं, तो परमेश्वर को क्यों नहीं पुकारते और पश्चाताप करते हैं ? परमेश्वर में विश्वास रखने से और यीशु मसीह के लहू में किए हुए प्रायश्चित के द्वारा आपके पाप क्षमा हो जाएंगे और आपको एक नया स्वभाव मिल जाएगा । और फिर जब शैतान आपको पाप में फसाने आता है , तब आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर की उपस्थिति का एहसास करेंगे । वह आपका मार्ग निर्देश करेंगे और समस्त बातों में आपको सिखाएंगे ( यूहन्ना १४ : २६ ) ।
यूहन्ना १० : १० में प्रभु यीशु बहुतायत के जीवन की प्रतिज्ञा करते हैं और वह आपको इसे देने में सक्षम है । यह उपहार आपके पास तब तक रहेगा, जब तक आप उसके विश्वासी और आज्ञाकारी रहते हैं । “ यदि तुम आज्ञाकारी होकर मेरी मानो , तो इस देश के उत्तम - उत्तम पदार्थ खाओगे “ ( यशायाह १: १९ ) । कोई भी अन्य ईश्वर ऐसा महान नहीं है । यदि यह सब कुछ आपके मन को प्रेरित करता है , तो निसंदेह - - - ‘आपको नए सिरे से जन्म लेना आवश्यक है ‘ नमक पर्चा आप पढ़ना चाहेंगे । यह पर्चा और साथ ही साथ अन्य पर्चे भी निम्न पत्ते पर प्राप्त किए जा सकते हैं ।