“आओ, एक मनुष्य को देखो! जो कुछ मैंने किया था, वह सब उसने मुझे बता दिया है। कहीं यही तो मसीह नहीं है?” (यूहन्ना ४:२९)।
21 अगस्त 2024 in यीशु 6 minutes
‘ क्या परमेश्वर है ? क्या कोई परम अस्तित्व या ब्रह्मांड का संचालक है ? मैं किस प्रकार से निश्चित हो सकता हूं ? ’ इस प्रश्न का उत्तर अत्यधिक महत्वपूर्ण है । ‘ यदि परमेश्वर है और मैं उसका अनदेखा करता हूं , तो उसका परिणाम क्या होगा ? ’ बहुत से ऐसे सूक्ष्म प्रश्न है , जो उत्तर की मांग करते हैं । ‘ मैं यहां क्यों हूं ? मैं कहां से आया हूं ? मरणोपरांत क्या होगा ? मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है ? मेरे अस्तित्व का कोई ना कोई कारण आवश्य है । ’
21 मई 2024 in यीशु 6 minutes
आदि में पर्मेश्वर, उसके पुत्र यीशु मसीह, और पवित्र आत्मा थे। उन्होंने पृथ्वी और जो कुछ इसमें है, उन सब कि सृष्टि की। अपने प्रेम में, पर्मेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप में बनाया और उसे एक सुंदर वाटिका में रखा। मनुष्य ने परमेश्वर के निर्देशों का पालन नहीं किया। यह अनाज्ञाकारिता पाप था और इस पाप ने मनुष्य को पर्मेश्वर से अलग कर दिया। पर्मेश्वर ने उनसे कहा कि अपने पापों कि क्षमा के लिए उन्हें निर्दोष एवम् निष्कलंक छोटे पशुओं का बलिदान देना होगा। इन बलिदानों ने उनके पाप का मूल्य नहीं चुकाया परंतु केवल उस सर्वश्रेष्ठ बलिदान की तरफ इशारा किया जो पर्मेश्वर स्वयं प्रदान करेंगे। एक दिन परमेश्वर अपने पुत्र यीशु को इस पृथ्वी पर भेजेंगे ताकि सभी लोगों के पापों के लिए वह अंतिम और सर्वश्रेष्ठ बलिदान हों।
हर एक व्यक्ति किसी न किसी की पूजा करता है । कुछ लोग वस्तु की पूजा करते हैं , तो कुछ लोग मनुष्य की ; कुछ लोग मूर्ति की पूजा करते हैं , तो कुछ लोग अपने आपकी । वे अपने ईश्वर के प्रति अपनी निष्ठा का प्रकटीकरण विभिन्न प्रकार से करते हैं । जबकि अधिक से अधिक लोग इन देवताओं के प्रति अपनी निष्ठा रखते हैं फिर भी उनके मन में एक लालसा और प्यास रह जाती है । यह लोग अपनी आत्मा की पीड़ा से मुक्ति पाने में अस्थायी तौर से आराम तो पा लेते हैं , किंतु भविष्य का सामना करने के लिए उनके पास साहस नहीं होता । उनका भविष्य बीते हुए कल की तरह हमेशा निराशजनक होता है । वह ईश्वर जिसकी सेवकाई वे करते हैं , उनके जीवन के शून्य को भरने में असमर्थ होते हैं ।
4 अप्रैल 2019 in यीशु 4 minutes
समस्त कहानियों के बीच यीशु मसीह के जन्म की कहानी मसीहियों के मन के सबसे निकट है । सारे युगों में यह एक महान आश्चर्यकर्म है । इसमें मानव जाति के प्रति परमेश्वर का प्रेम प्रदर्शित है । मनुष्य ने पाप के कारण खुद को परमेश्वर की संगति से अलग कर दिया । अदन की वाटिका में आदम और हव्वा ने पाप करने के पश्चात परमेश्वर ने उनसे उद्धारकर्ता की प्रतिज्ञा की ( उत्पत्ति ३ : १५ ) । जो कुछ खो गया था , उसे वापस लाना या उद्धार करना परमेश्वर की योजना थी ।
4 अप्रैल 2019 in यीशु 6 minutes
एक समय था, जब इस संसार में कुछ भी नहीं था।न कोई मछली, न आकाश में कोई तारा, न कोई समुद्र और न ही सुन्दर-सुन्दर फूल।सब कुछ शून्य और अन्धकार पूर्ण था।किन्तु परमेश्वर था। परमेश्वर के पास एक सुन्दर योजना थी। उसने एक सुन्दर संसार के विषय में सोचा और जब उसने सोचा, तब ही उसने उसकी रचना कर डाली। उसने उसकी रचना शून्यता में से की। जब परमेडवर ने किसी भी वस्तु की रचना की, तो उसने मात्र इतना भर कहा, “हो जा” और वह वस्तु बन गयी।
4 अप्रैल 2019 in यीशु 5 minutes
क्या आप खुश हैं ? क्या पाप का दोष और भय आपके खुशी पर जयवंत हुआ हैं ? क्या आप अपने दोष और भय से बाहर आने की इच्छा रखते हैं ? आप चिंता कर रहे होंगे , कैसे मैं फिर कभी खुश हो सकता हूं ? मेरे पास आपके लिए एक अच्छी खबर है ! कोई है जो आपका सहायता कर सकता है । वह आपके पापों को क्षमा कर सकता है और आपको स्थायी खुशी दे सकता है । उनका नाम यीशु है । मैं आपको उनके विषय में बताता हूं ।
4 अप्रैल 2019 in यीशु 5 minutes
क्या आप जानते हैं कि ऐसा भी कोई है जो आपके विषय में सब कुछ जानता है ? परमेश्वर का पुत्र यीशु , सब कुछ जानता है जो आपने किया है । उन्होंने पृथ्वी और जो कुछ इनमें है उसकी सृष्टि की । वह अतीत , वर्तमान और भविष्य को जानता है । वह आपसे प्रेम करता है और आपको पाप से बचने के लिए इस संसार में आया । आपके जीवन में आनंद लाने के लिए उनका एक योजना है ।
यीशु आपका मित्र मेरा एक मित्र हैं। वह सबसे अच्छा मित्र है ऐसा कोई पहले कभी नहीं हुआ। वह बड़ा दयालू है और सच्चा है मैं चाहता हूं कि आप भी उसे जाने। उसका नाम यीशु है। बड़ी अनोखी बात ये है कि वह आपका भी मित्र बनना चाहता है। मैं उसके बारे में आपको बताना चाहता हूं।