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क्या आप जानते हैं कि मनुष्य पवित्र परमेश्वर के द्वारा पाप का दोषी पाया गया है, और उसे मृत्यु की दण्डाज्ञा दी गयी है? यदि उसे इस अनन्त मृत्यु से बचना है और अनंतकाल के लिए उद्धार पाना है, तो उसे परमेश्वर की करुणा को पाने की आवश्यकता है| इस दृष्टि में करुणा का अर्थ है: परमेश्वर का मनुष्य को उस सजा से अलग रखना, जिसका वह योग्य है। किन्तु परमेश्वर बिना शर्त के अपनी करुणा मनुष्य पर प्रतिपादन नहीं करतें, जबकि उद्धार मुफ्त है, उसका कोई मूल्य नहीं और न ही उसे कमाया जा सकता है। जिस शर्त पर परमेश्वर करुणा देते हैं, वह शर्त है पश्चाताप।