“आओ, एक मनुष्य को देखो! जो कुछ मैंने किया था, वह सब उसने मुझे बता दिया है। कहीं यही तो मसीह नहीं है?” (यूहन्ना ४:२९)। वे सब जो प्रभु यीशु की दाहिनी ओर होंगे, उनसे राजा कहेगा: “है मेरे पिता के धन्य लोगों, आओ! उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आदि से तुम्हारे लिए तैयार किया हुआ है!” (मत्ती २५:३४)। लेकिन वह अपनी बायीं ओर वालों से कहेगा: “हे स्रापित लोगों, मेरे सामने से उस अनन्त आग में चले जाओ, जो शैतान और उसके दूतों के लिए तैयार की गयी है!” (मत्ती २५:४१)।
21 अगस्त 2024 in यीशु 6 minutes
‘ क्या परमेश्वर है ? क्या कोई परम अस्तित्व या ब्रह्मांड का संचालक है ? मैं किस प्रकार से निश्चित हो सकता हूं ? ’ इस प्रश्न का उत्तर अत्यधिक महत्वपूर्ण है । ‘ यदि परमेश्वर है और मैं उसका अनदेखा करता हूं , तो उसका परिणाम क्या होगा ? ’ बहुत से ऐसे सूक्ष्म प्रश्न है , जो उत्तर की मांग करते हैं । ‘ मैं यहां क्यों हूं ? मैं कहां से आया हूं ? मरणोपरांत क्या होगा ? मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है ? मेरे अस्तित्व का कोई ना कोई कारण आवश्य है । ’
21 मई 2024 in यीशु 6 minutes
मरियम और स्वर्गदूत यीशु का जन्म चरवाहे ज्योतिषी पर्मेश्वर के उपहार का कारण यद्धपि यीशु दुष्ट मनुष्यों के द्वारा मार डाला गया, परंतु मृत्यु का उस पर कोई बल नहीं था। तीन दिन बाद वह कब्र से विजयी होकर जी उठा। उसके जी उठने के बाद के दिनों तक, यीशु बहुत से लोगों के द्वारा देखा गया। फिर एक दिन, अपने चेलों को आशीष देने के बाद, वह स्वर्ग में चला गया।
आप किसकी पूजा या आराधना करते हैं ? आपका ईश्वर कहां रहता है ? क्या वह जीवित है ? आज उसने आपके लिए क्या किया ? क्या आज आपने उससे बातचीत की ? क्या उसने आपके मन की पुकार का उत्तर दिया ? आप क्या विश्वास करते हैं ? वह सनातन परमेश्वर है । उसका ना तो कोई प्रारंभ है और ना ही कोई अंत । वह जैसा कल था , आज भी है और हमेशा रहेगा । वह समस्त वस्तुओं के सृष्टिकर्ता , रक्षक एवं जीवित रखनेवाले हैं । ( प्रेरितों १७ : २२ - ३४ )
4 अप्रैल 2019 in यीशु 4 minutes
समस्त कहानियों के बीच यीशु मसीह के जन्म की कहानी मसीहियों के मन के सबसे निकट है । सारे युगों में यह एक महान आश्चर्यकर्म है । इसमें मानव जाति के प्रति परमेश्वर का प्रेम प्रदर्शित है । मनुष्य ने पाप के कारण खुद को परमेश्वर की संगति से अलग कर दिया । अदन की वाटिका में आदम और हव्वा ने पाप करने के पश्चात परमेश्वर ने उनसे उद्धारकर्ता की प्रतिज्ञा की ( उत्पत्ति ३ : १५ ) । जो कुछ खो गया था , उसे वापस लाना या उद्धार करना परमेश्वर की योजना थी ।
4 अप्रैल 2019 in यीशु 6 minutes
एक समय था, जब इस संसार में कुछ भी नहीं था।न कोई मछली, न आकाश में कोई तारा, न कोई समुद्र और न ही सुन्दर-सुन्दर फूल।सब कुछ शून्य और अन्धकार पूर्ण था।किन्तु परमेश्वर था। परमेश्वर के पास एक सुन्दर योजना थी। उसने एक सुन्दर संसार के विषय में सोचा और जब उसने सोचा, तब ही उसने उसकी रचना कर डाली। उसने उसकी रचना शून्यता में से की। जब परमेडवर ने किसी भी वस्तु की रचना की, तो उसने मात्र इतना भर कहा, “हो जा” और वह वस्तु बन गयी। १) तू मुझे छोड़ दूसरों को ईइबर कहकर न मानना।
4 अप्रैल 2019 in यीशु 5 minutes
मेरे पास आपके लिए एक अच्छी खबर है ! कोई है जो आपका सहायता कर सकता है । वह आपके पापों को क्षमा कर सकता है और आपको स्थायी खुशी दे सकता है । उनका नाम यीशु है । मैं आपको उनके विषय में बताता हूं । उनका पिता परमेश्वर जिसने संसार को बनाया है । उन्होंने संसार में सब कुछ बनाया है। उन्होंने आपको और मुझे बनाया है । वह तुरंत उठ खड़ा हुआ और उसके पिता के घर की ओर जाना शुरू किया । वह देखेगा कि यदि उसका पिता फिर भी उसे प्रेम करता है ।
4 अप्रैल 2019 in यीशु 5 minutes
एक दिन यीशु अपने मित्रों के साथ यात्रा कर रहे थे । वह सामरिया के एक गांव में आए । यीशु विश्राम करने के लिए एक कुएं के पास बैठे , जब उनके मित्र भोजन खरीदने के लिए गए । जब यीशु वहां बैठे हुए थे, एक स्त्री कुएं से जल भरने के लिए आई । यीशु ने उससे पूछा , “ क्या तुम मुझे पानी पिला सकती हो ? “ यीशु ने कोमलतापूर्वक उत्तर दिया , “वास्तव में यदि तू परमेश्वर और जिससे तू बातें कर रही है उसके विषय में जानती
यीशु आपका मित्र मेरा एक मित्र हैं। वह सबसे अच्छा मित्र है ऐसा कोई पहले कभी नहीं हुआ। वह बड़ा दयालू है और सच्चा है मैं चाहता हूं कि आप भी उसे जाने। उसका नाम यीशु है। बड़ी अनोखी बात ये है कि वह आपका भी मित्र बनना चाहता है। मैं उसके बारे में आपको बताना चाहता हूं। यीशु इस पृथ्वी पर एक छोटे नन्हे बच्चे के रूप में आया। पृथ्वी पर उसके पिता और माता, युसूफ और मरियम थे। वह गौशाला में पैदा हुआ तथा चरणी में रखा गया।