आज बहुत सारे लोग उस मनुष्य की तरह है , जिसने कहा : ‘ मैं स्वर्ग में प्रवेश करने के योग्य नहीं , किंतु नरक जाने के लिए इतना बुरा भी नहीं हूं । ’ वे सोचते हैं कि वे इतने तो अच्छे हैं कि परमेश्वर किसी भी तरह से उन्हें स्वर्ग में रहने के लिए घर देंगे ।
पवित्र बाइबल मनुष्य के बारे में क्या कहती है ? वह कहती है : “ मन तो सब वस्तुओं से अधिक धोखा देने वाला होता है , उसमें असाध्य रोग लगा है ”( यिर्मयाह १७ : ९ ) । “ सब ने पाप किया है और सब परमेश्वर की महिमा से वंचित हो गए हैं ” ( रोमियों ३ : २३ ) । “कोई भी धर्मी नहीं , एक भी नहीं है ” ( रोमियों ३ : १० ) । सब ने पाप किया है । मैंने पाप किया है , और आपने भी पाप किया है । हम उस व्यक्ति की तरह हैं , जो किसी जंगल में खो गया था । अंत में वह इतना भ्रम में पड़ गया कि उसे चुपचाप बैठ जाना पड़ा और उसे खोजने के लिए किसी की प्रतीक्षा करनी पड़ी । क्या आप खोए हुए हैं ? क्या आप जानते हैं कि आपको कहां जाना है ?
आपके लिए एक आशा है
आपको खोने की आवश्यकता नहीं है और न ही पाप में रहने की । आपको आशाहीन नहीं होना है । प्रभु यीशु मसीह ने सबके लिए एक खुशहाल जीवन जीने के लिए मार्ग खोल रखा है । उसने आपके लिए स्वर्ग का द्वार खोल दिया है । चाहे आप एक भिखारी की तरह निर्धन हो या फिर लाखपति जैसे धनी , चाहे आपका आदर - सत्कार पूरे जोर-सोर से किया जाता है या नहीं , प्रभु यीशु के निकट आपको आने का मौका है । वह कहता है : “ जो कोई मेरे पास आएगा , उसे मैं कभी ना निकलूंगा ” ( यूहन्ना ६ : ३७ ) । आपके लिए एक आशा है । आप समस्त लोगों के मित्र यीशु के पास आ सकते हैं और अपने पापों से क्षमा पा सकते हैं ।
प्रभु यीशु आपको शांति देंगे
एक शिक्षक ने अपनी सोने की घड़ी उठाते हुए कहा : ‘ जो कोई भी यहां आकर इस घड़ी को लेना चाहता है , ले सकता है ।’ कक्षा में बैठे बच्चों के बीच में से सबसे छोटे बच्चे को छोड़कर और कोई नहीं आया । दूसरों के लिए यह आश्चर्य चकित बात थी कि वह घड़ी उसे मिल गई । अन्य बच्चों ने शिक्षक की बात पर विश्वास नहीं किया । उन्होंने सोचा कि दिया गया प्रस्ताव सत्य नहीं है , तो क्यों माने ? अब मौका हाथ से निकल चुका था । इस छोटे लड़के को उपहार मिल चुका था ।
प्रभु यीशु के पास बहुत बड़ा आशीष है । वह कहता है : “ हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे हुए लोगों , मेरे पास आओ ! मैं तुम्हें विश्राम दूंगा ” ( मत्ती ११ :२८ ) । बहुत सारे लोगों ने इस निमंत्रण को स्वीकार किया है । क्या आपने इस निमंत्रण को स्वीकार किया है ? वह अभी आपको भी बुला रहा है । यह शब्द आपके लिए है । यदि आप पाप से थक गए हैं , यदि आपका मन विचलित है , तो उसके पास आएं जो आपको विश्राम देगा । वह पाप में गुजरे हुए आपके अतीत को क्षमा कर देगा । वह आपकी चिंताओं के भार को उठा लेगा । आप उस पर अपनी समस्त समस्याओं को डाल सकते हैं , क्योंकि वह आपकी चिंता करता है । अब वह अपनी बाहें आपकी सहायता के लिए बढ़ा रहा है ।
आप अभी उसकी भेंट को ग्रहण कर सकते हैं
उस छोटे लड़के ने अपने शिक्षक पर विश्वास किया । वह शिक्षक की ओर बढ़ा और उसने वह घड़ी पा ली । ठीक उसी प्रकार आप भी उस भेंट को आज पा सकते हैं, जो प्रभु यीशु दे रहे हैं ।
‘ मैं क्या करूं ? ’ , आप कहते हैं । परमेश्वर का वचन कहता है : “ प्रभु यीशु मसीह में विश्वास करें ! और आप बचा लिए जाएंगे ” ( प्रेरितों १६ : ३१ ) । जब आप प्रभु को देखते हैं , तो आप यह भी देखते हैं कि आप कितने पापी हैं और आप कहते हैं : ‘ मेरे लिए कोई भी आशा नहीं है ; मैं इस प्रकार से प्रभु के पास नहीं आ सकता ।’ प्रभु यीशु के आवाज को सुनें ! “ हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे हुए लोगों , मेरे पास आओ ! ”( मत्ती ११ : २८ ) । वह ऐसा नहीं कहता कि पहले आप अपने पापों से मुक्त हो जाएं , और अपने जीवन को शुद्ध करें , इसके बाद आए । नहीं , आप जैसे भी हैं , वैसे आ जाए । उससे अपने पापों को स्वीकार करें ! उसे अपने कष्ट को बताएं ! और अपनी गलतियों को उन लोगों के समक्ष भी मान लें , जिन्हें आपने दुःखी किया है । विश्वास करें , वह आपकी सुनता है । उस छोटे लड़के की तरह विश्वास करते हुए प्रभु यीशु के पास आएं , और वह आपके मन में शांति और आपकी आत्मा को विश्राम देगा ।
देखें ! प्रभु यीशु और क्या कहते हैं : “ जो व्यक्ति मेरा वचन सुनकर मेरे भेजने वालों पर विश्वास करता है , अनंत जीवन उसका है ; उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती ; वह मृत्यु को पार करके जीवन में प्रवेश कर चुका है ” ( यूहन्ना ५ : २४ ) । इस अंतिम भाग पर ध्यान दें ! “ वह मृत्यु को पार करके जीवन में प्रवेश कर चुका है । ” यह अधिक समय नहीं लेता । मूल्य चुका दिया गया है , और आप अभी पाप से स्वतंत्र हो सकते हैं । उसने , जब वह सलीब पर मरा , कर्ज चुका दिया । वहां आपके पापों का मूल्य चुका दिया गया । किंतु आप पूरे विश्वास के साथ प्रभु यीशु की ओर देखें , जिसने सलीब पर आपकी जगह में प्राण दिया ।
क्या आप इस बात पर विश्वास करते हैं ? क्या आप प्रभु यीशु को , उसके शब्दों को ग्रहण करते हैं , और अपने पाप के बोझ और कष्ट उस पर डालते हैं ? अभी उससे प्रार्थना करें ! अभी पश्चाताप करें ! और अपने पापों को स्वीकार करें ! और शांति की मुफ्त भेंट को ग्रहण करें ! नए सिरे से जन्म लेकर परमेश्वर की संतान बन जाए ! यूहन्ना के तीसरे अध्याय में प्रभु यीशु कहते हैं : “ तुम्हें नए सिरे से जन्म लेना आवश्यक है । ” प्रभु यीशु पर विश्वास करने का इस बात को आत्मा से जन्म लेने की बात कहती है ।
आप प्रभु यीशु के साथ जीने का आनंद उठा सकते हैं
जब आपका नए सिरे से जन्म हो जाता है , तो पाप के लिए आपकी पुरानी इच्छा चली जाती है । पाप उतना आकर्षक नहीं दिखता । आपका मन शांति से भर जाता है और आप संसार की मूर्खता का आनंद नहीं उठाते ।
अब आप प्रार्थना करना पसंद करते हैं । आप परमेश्वर के वचन का आनंद उठाने लगते हैं । आप इसे पढ़ते हैं , इसे सुनते हैं और इसका अध्ययन करते हैं । आप उन्हें भी प्रेम करने लग जाते हैं , जिन्हें आप पहले पसंद नहीं किया करते थे । आप घर पर या चर्च में परमेश्वर के साथ प्रार्थना में संगति करने लग जाते हैं , और लुभाने वाले को ना कहने की सामर्थ पा लेते हैं । जब परीक्षा और प्रलोभन आते हैं , तो आपको इस बात का पता रहता है कि ऐसे जटिल समय में आपकी सहायता करने के लिए परमेश्वर हमेशा आपके निकट है । और जैसे-जैसे आप मसीही जीवन में बढ़ते जाते हैं , वैसे-वैसे आपको पता चलता है कि प्रार्थना ही ‘ मसीहियों के लिए जीवन प्रदान करने वाली सांस है ’ ; आप बिना इसके बढ़ नहीं सकते ।
आप प्रभु यीशु के लिए कार्य कर सकते हैं
यह जान लेने के बाद कि प्रभु ने आपको बचा लिया है , आप उसके लिए कुछ करने की चाह करने लग जाते हैं । आप प्रभु के साथ चलते हुए संबंध में किया गया अपने अनुभव की बात दूसरों को बताना आरंभ कर देते हैं । आपका मन आनंद से उमड़ने लगता है और आप चाहने लग जाते हैं कि दूसरे भी इस प्रकार का अनुभव करें ।
जब आप परमेश्वर के वचन को भली-भांति सीखने लग जाते हैं , तो आप आगे बढ़कर उनकी सहायता कर सकते हैं , जो अब तक पाप में जी रहे हैं । या आप कलीसिया में अन्य कार्य करने में सहायता कर सकते हैं । आप संडे - स्कूल , बाइबल - क्लास और कलीसिया की आराधना में सहायता कर सकते हैं । आप सार्वजनिक स्थानों में प्रभु के लिए साक्षी दे सकते हैं । परमेश्वर सक्रिय मसीही जीवन में आपकी अगुवाई करेंगे । इस प्रकार से आप परमेश्वर का आदर कर सकते हैं और उसने आपके जीवन में क्या किया है , इस बात के लिए अपनी प्रशंसा अभिव्यक्त कर सकते हैं । परमेश्वर प्रत्येक मसीही को अपनी सेवकाई के लिए बुलाते हैं ।
प्रेरित पौलुस इस क्षेत्र में कुछ अच्छे निर्देश देते हैं । वह कहते हैं : “ मेरे प्रिय भाई , विश्वास में मजबूत और अटल रहो और प्रभु के काम में सदा आगे बढ़ते जाओ ; क्योंकि तुम यह जानते हो कि प्रभु में किया गया तुम्हारा परिश्रम व्यर्थ नहीं है ” ( १ कुरिन्थियों १५ : ५८ ) ।
एक बात याद रखनी है कि हमें परमेश्वर के वचन और पवित्र आत्मा के प्रति , जो हमको उचित मार्ग पर ले चलता है , हमें आज्ञाकारी रहना है । प्रभु यीशु इस बात पर पूरी तरह से जोर देते हैं कि हम अपने स्वर्गीय पिता की इच्छा को पूर्ण करने वाले बनें ( मत्ती ७ : २१ ) ।
परमेश्वर आपको इनाम देंगे
परमेश्वर किस प्रकार से आपको इनाम देते हैं ? वास्तव में इनाम के दो स्थान हैं । एक , यहां इस धरती में , इस जीवन में है ; और दूसरा स्थान परलोक में अर्थात आने वाले जीवन में है , जहां इनाम मिलता है ।
आइए , एक बार फिर से प्रभु यीशु के शब्दों को देखें ! वह कहते हैं : “ मैं तुम्हें शांति दिए जाता हूं ; मैं अपनी शांति तुम्हें देता हूं । जैसा संसार देता है , वैसा मैं तुम्हें नहीं देता । तुम्हारा मन ना घबराए और ना तुम डरो ! ” ( यूहन्ना १४ : २७ ) । यहां पर जिस शांति की बात वह करते हैं , वह उनके लिए है , जिनके पाप क्षमा कर दिए गए हैं , और जिनके मन मसीह के लहू से धो दिए गए हैं । यह उनके लिए है , जिन्होंने पूरी रीती से अपना जीवन प्रभु यीशु को दे दिया है । वह लोगों को वो शांति देते हैं , जिससे उनका मसीही जीवन योग्य ठहरे । आप जैसे ही अपनी समस्त समस्याओं के बीच उसकी ओर फिरेंगे , वैसे आप अपने मन में शांति पा सकते हैं । यह इनाम का एक भाग है ।
प्रभु यीशु परीक्षा की घड़ियों में लड़ने के लिए आपको सहायता करते हैं जब आप उससे सहायता की याचना करते हैं , तो वह आपकी प्रार्थनाओं को सुनते हैं ।
यदि आप प्रभु के प्रति विश्वासी रहते हैं , तो आपको स्वर्ग में भी इनाम मिलेगा । इस जीवन में आपको निराशा मिलेगी , किंतु स्वर्ग में आपको अनंत आनंद मिलेगा । जब आप स्वर्ग में प्रवेश करते हैं , तो इस जीवन के समस्त कष्ट और चिंताएं लोप हो जाएंगे । आप परमेश्वर और स्वर्ग दूतों और समस्त विश्वासी मसीहियों के संग हमेशा - हमेशा के लिए साथ होंगे । यह आपका अनंत इनाम होगा ।
प्रभु यीशु शीघ्र आ रहे हैं
पवित्र बाइबल बताती है कि प्रभु यीशु शीघ्र लौटेंगे । वह पहली बार की तरह प्रेमी उद्धाकर्ता के रूप में नहीं आ रहे हैं । इस बार वह एक न्याय करने वाले के रूप में आएंगे , और “ हर एक व्यक्ति को उसके कामों के अनुसार फल देंगे ” ( मत्ती १६ : २७ ) । पापी लोग उस स्थान पर जाएंगे , जो शैतान और उसके दूतों के लिए तैयार किया गया है । वहां आशा नाम की कोई भी चीज नहीं होगी । उसी समय कोई भी क्षमा पाने के लिए परमेश्वर की ओर नहीं मुड़ पाएगा । पवित्र बाइबल इसे इस प्रकार से वर्णित करती है : “ वहां अंधकार , रोना और दांत पीसना होगा ” ( मत्ती ८ : १२ ) । प्रभु यीशु इस स्थान के लिए हमें सावधान करते हुए कहते हैं : “ उनका कीड़ा नहीं मरता , और आग नहीं बुझती ” ( मरकुस ९ : ४४ ) ।
परमेश्वर की संतान होने के कारण आपको प्रभु यीशु के आगमन से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है । प्रभु यीशु अपनी संतानों को उसके घर स्वर्ग ले जाने के लिए आ रहे हैं । वह कहते हैं : “ सावधान रहो , जागते रहो और प्रार्थना करते रहो ; क्योंकि तुम नहीं जानते कि वह समय कब आएगा ” ( मरकुस १३ : ३३ ) ।