नरक का वर्णन
नरक कहां है ?
नरक का मार्ग
कौन नरक जाएगा ?
उद्धार न पाने वाले नरक में क्या करेंगे ?
क्या परमेश्वर पापियों को सजा देंगे ?
नरक से संबंधित बाइबल के शिक्षा
पवित्र बाइबल अनंत आग की झील की भयानक सत्यता के विषय में स्पष्ट रूप से सिखाती है । परमेश्वर के द्वारा दिए गए समय में नर्क के इस भयानक दंड से बचने के लिए सब लोगों को सचेत किया जाता है ।
नरक का वर्णन
यह आज की झील है ( प्रकाशितवाक्य २० : १४ ) ; इसे “ सदाकाल तक घोर अंधकार रखा गया है” ( यहूदा १३ ) । “उसे अथाह कुंड की कुंजी दी गई ……..और कुंड में से धुआं उठा , जैसा की एक बड़ी भट्टी से धुआं निकलता है “ ( प्रकाशितवाक्य ९ : १-२ ) । “वह परमेश्वर के प्रकोप की अमिश्रित तीखी मदिरा को , जो उसके क्रोध के कटोरे में डाली गई है , पिएगा ; ……. और वह आग और गंधक की पीड़ा में पड़ेगा ; ………और उनकी पीड़ा का धुआ युगानुयुग उठता रहेगा , ……… और उनको रात दिन कभी चैन ना मिलेगा “ ( प्रकाशितवाक्य १४ : १० - ११ ) ।
नरक कहां है ?
पवित्र बाइबल बताती है कि यह परमेश्वर से दूर, नीचे कहीं है । “बुद्धिमान के लिए जीवन का मार्ग ऊपर की ओर जाता है, इस तरह वह अधोलोक में पड़ने से बच जाता है “ (नीतिवचन १५ : २४ ) । “और तू ……अधोलक तक नीचे जाएगा “ ( मत्ती ११ : २३ ) । “एक भारी गड्ढा ठहराया गया है कि जो यहां से उस पार तेरे पास आना चाहे , वह न जा सके , और ना कोई वहां से इस पर हमारे पास आ सके “ ( लूका १६ : २६ ) ।
नरक का मार्ग
“सकरे फाटक से प्रवेश करो ! क्योंकि विशाल है वह फाटक और चौड़ा है वह मार्ग जो विनाश को पहुंचाता है , और बहुत लोग उससे प्रवेश करते हैं “ ( मत्ती ७ : १३ ) । पहला , इस मार्ग से पा लेना सहज है : ‘ क्योंकि फाटक विशाल है ।’ दूसरा , इस मार्ग पर रह पाना कठिन नहीं : ‘क्योंकि यह चौड़ा है । ‘ तीसरा , यह मार्ग यात्रियों की भीड़ से भरा पड़ा है : ‘ और बहुत लोग उसे प्रवेश करते हैं। ‘
कौन नरक जाएगा ?
“ दुष्ट अधोलोक में लौट जाएंगे , तथा वे सब जातियां भी जो परमेश्वर को भूल जाती है “ ( भजन संहिता ९ : १७ ) । प्रभु यीशु अपने सामर्थी दूतों के साथ धधकती हुई आग में स्वर्ग से प्रकट होंगे । जो परमेश्वर को नहीं पहचानते और हमारे प्रभु यीशु मसीह के सुसमाचार को नहीं मानते , वह उन्हें दंड देगा । वे अनंत विनाश का दंड पाएंगे “ ( २ थिस्सलुनीकियों १ : ७- ९ )। “ जिस किसी का नाम जीवन की पुस्तक में लिखा हुआ नहीं मिला , वह आग की झील में डाला गया “ ( प्रकाशितवाक्य २० : १५ ) ।
“ डरपोकों , अविश्वासियों , दुर्बुद्धियों , हत्यारों, व्यभिचारियों, जादू - टोना करने वालों , मूर्ति पूजकों और सभी झूठ बोलने वालों का हिस्सा उस धधकती गंधक की जलती झील में होगी “ ( प्रकाशितवाक्य २१ : ८ ) ।
“तब वह बाईं ओर के लोगों से कहेगा : “ हे स्रापित लोगों , मेरे सामने से निकलो और उस अनंत आग में जा पड़ो, जो शैतान और उसके दूतों के लिए तैयार की गई है । क्योंकि मैं भूखा था , और तुमने मुझे खाने को नहीं दिया । मैं प्यासा था, और तुमने मुझे पानी नहीं पिलाया । मैं परदेशी था, और तुमने मुझे अपने घर में नहीं ठहराया । मैं नंगा था, और तुमने मुझे कपड़े नहीं पहनाया । मैं बीमार और बंदीगृह में था , पर तुमने मेरी सुधि नहीं ली ।” तब वे उत्तर देंगे : “हे प्रभु हमने आपको कब भूख या प्यासा या परदेशी या नंगा या बीमार या बंदीगृह में देखा और आपकी सेवा नहीं की ? “ तब वह उन्हें उत्तर देगा : “ मैं तुमसे सच कहता हूं कि यदि तुमने इन छोटे में से किसी एक के साथ नहीं किया , तो वह मेरे साथ भी नहीं किया ।” और यह अनंत दंड भोगेंगे , परंतु धर्मी अनंत जीवन में प्रवेश करेंगे ‘ ( मत्ती २५ : ४१ - ४६ ) ।
उद्धार न पाने वाले नरक में क्या करेंगे ?
वह रोएंगे और दांत पीसेंगे ( मत्ती २२ : १३ ) । वे उद्धार पाए गए लोगों के चैन और आनंद को स्वर्ग में देखेंगे , जबकि उन्हें इस बात का अच्छी तरह से पता रहेगा कि वे कभी भी इस अवर्णित पीड़ाओं से मुक्त नहीं हो पाएंगे । “ इसे बाहर अंधकार में डाल दो ! वहां यह रोएगा और दांत पिसता रहेगा” ( मत्ती २२ : १३ ) । “ अधोलोक में वह पीड़ा में पड़ा था । वहां से उसने अपनी आंखें ऊपर की और दूर से अब्राहम की गोद में लाजर को देखा । और उसने पुकार कर कहा : ‘ हे पिता अब्राहम , मुझ पर दया कर और लाजर को मेरे पास भेज दे ताकि वह अपनी उंगली का सिरा पानी में भिंगोकर मेरी जीभ ठंडी करें ; क्योंकि मैं नरक की इस ज्वाला में तड़प रहा हूं ।’ ” ( लूका १६ : २३ - २४ )
“ जब परमेश्वर ने उन स्वर्गदूतों को , जिन्होंने पाप किया था , नहीं छोड़ा , बल्कि नरक में उन्हें भेज दिया ….. अधर्मियों के संसार पर जल प्रलय भेजी गई । प्रभु धर्मियों को परीक्षा में से निकाल लेना और अधर्मियों को न्याय के दिन तक दंड की दशा में रखना भी जानते हैं ” ( २ पतरस २ : ४ , ५ , ९ ) ।
हां , हर एक पाप और अपराध अपना प्रतिफल पाएगा । यदि आपने प्रभु यीशु पर विश्वास नहीं किया या आप बेईमान , भ्रष्ट , कामुक या बुरी लालसा एवं इच्छा के गुलाम हैं , या आप परमेश्वर के सत्य पर ताना मारने वाले हैं , तो ऐसी स्थिति में “ कैसे संभव है कि आप नरक के दंड से बच जाएंगे ? ” ( मत्ती २३ : ३३ ) । यदि आपका मन व्यवसाय के लाभ से कष्ट में है ; यदि आप परमेश्वर के सच्चे धन के बिना धनी हैं ; यदि आप बिना प्रार्थना के जीवन यात्रा के यात्री हैं ; यदि आप अपनी अविनाशी अच्छाई , अपने परमेश्वर या अनंत काल के जीवन के प्रति चिंतित नहीं हैं ,तो सुनिए : “ अधोलोक ने अत्यंत लालसा करके अपना मुंह बेपरिणाम पसारा है और उनका वैभव , भीड़ भाड़ और आनंद करने वाले , सब के सब उसके मुंह में जा पड़ते हैं ” ( यशायाह ५ : १४ ) ।
यदि आप एक मसीही बनना चाहते हैं , परमेश्वर के राज्य की सीमा पर वर्षों से खड़े रहकर फाटकों से उसके भीतर प्रवेश करने के लिए इच्छुक तो हैं ,और उसकी मनसा भी रखते हैं ,पर कार्य करने की इच्छा को टालते जाते हैं ; आप आशा रखते हैं , पर आशा रखने के अधिकार के बिना उसकी कामना करते हैं , तो मैं आपको सावधान किए देता हूं : “ हम लोग ऐसे बड़े उद्धार से निश्चित रहकर कैसे बच सकते हैं ” ( इब्रानियों २ : ३ ) ।
यदि आप एक ऐसे मसीही हैं , जिसने अपनी वाचा की प्रतिज्ञा को भुला दिया है , और पाप एवं मृत्यु के स्थान को छोड़ना आरंभ कर दिया है , परंतु झिझकते हुए रुक कर पीछे पलट कर देखना आरंभ कर दिया है , तो “ लूट की पत्नी को स्मरण करें ! ” ( लूका १७ : ३२ ) । क्या आप पापियों को नहीं देखते हैं कि “ दंड की आज्ञा आने में कुछ भी देर नहीं और उनका विनाश सो नहीं रहा है ” ( २ पतरस २ : ३ ) ? यह संदेश आपके पास आता है : तू भारी नींद में पड़ा हुआ क्या करता है ? उठ , अपने ईश्वर को दोहाई दे! संभव है कि ईश्वर हमारी चिंता करें , और हमारा नाश न हो ! ” ( योजना १ : ६ ) ।
अहा , आप, जिनका उद्धार नहीं हुआ है , शीघ्र लौट आएं ! “ जब तक प्रभु मिल सकता है , तब तक उसकी खोज में रहो ! जब तक वह निकट है , तब तक पुकारो ! दुष्ट अपनी चाल चलन और अनर्थकारी अपने सोच विचार छोड़कर प्रभु ही की ओर फिरे , और वह उस पर दया करेगा ; वह हमारे परमेश्वर की ओर फिरे , और वह पूरी रीती से उसको क्षमा करेगा ” ( यशायाह ५५ : ६ - ७ )