भविष्य का जीवन
मृत्यु के पश्चात्?
इस समय आप जीवित है, आप सांस ले रहे हैं, आप चल-फिर रहे हैं या कार्य कर रहे हैं या सो रहे हैं। आप चाहे आरामदायक जीवन जी रहे हैं या फिर पीड़ा में। सूर्य उगता है और ढलता है; कहीं पर किसी बच्चे का जन्म हो रहा है, तो कहीं पर किसी न किसी की मृत्यु भी निरन्तर हो रही है। सम्पूर्ण जीवन केवल एक अस्थायी प्रबन्ध है; लेकिन मृत्यु के पश्चात्आप कहां जाएंगे? किन्तु कहां? आपकी आत्मा कभी नहीं मरेगी! स्वर्ग और पृथ्वी के परमेश्वर ने कहा है; “स्मस्त आत्माएं मेरी हैं” निसंदेह ये सब आवश्यक हैं। लेकीन
१. युद्ध और युद्ध की खबरें मत्ती २४:६ २. एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र पर चढ़ाई करेंगे मत्ती २४:७ ३. अकाल ,भूकंप , महामारी मत्ती २४:७ ४. अधर्म का बढ़ना , प्रेम का ठंडा पड़ना मत्ती २४:१२ ५. झूठे मसीह , झूठे शिक्षकें मत्ती २४:११,२४ ; मरकुस १३:२२ ६. नूह के दिनों का समय मत्ती २४ : ३७ ७. सूरज, चांद और तारों में चिन्हों लूका २१ : २५ ८. देश - देश के लोगों पर घबराहट सहित संकट लूका २१ : २५ ९. भय के कारण लोगों में जी ना रहना लूका २१ : २६